हेलो दोस्तों आज मैं आपको हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत और अद्भुत जगह कसोल की यात्रा पर लेकर चलता हूं। कसोल घूमने के लिए सबसे सस्ता बजट यात्रा || Best Budget Trip to Kasol in Hindi यह सफर कुल 5 दिनों का होगा इस यात्रा में आप बहुत सारे खूबसूरत तीर्थ स्थलों का आनंद लेंगे और हम यह कोशिश करेंगे कम से कम खर्च में कसोल की सारी जगहों का भ्रमण कर उनका लुफ्त उठाएं।
आप चाहे हिंदुस्तान के जिस भी राज्य से हो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु इत्यादि आपको सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के शहर “कसोल” आना होगा यहीं से आपके हिमाचल प्रदेश की पूरी यात्रा की शुरुआत होगी। अगर आप इस वक्त दिल्ली में है तो आपको “कसोल” जाने के लिए बस की सेवा दो जगहों से मिलेगी। पहली बस सेवा आपको कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन 4 के पास भारत पेट्रोल पंप से मिल जाएगी। दूसरी बस की सेवा आपको “मजनू का टीला” के पास से मिल जाएगी जोकि सीधा “कसोल” पहुंचा देगी। इन दोनों जगहों से काफी सारे बस सीधे “कसोल” के लिए चलती है। जैसे कि :- “Laxmi holidays bus” “Yatra bus trip” “zingbus”।
यह सभी बसों को आप ऑनलाइन के माध्यम से पहले ही इनकी सीट बुक कर सकते हैं। बस का किराया लगभग 800 रुपए के आसपास आपको पड़ेंगे। सीट बुक करने के लिए बहुत सारे ऑनलाइन माध्यम है। जैसे कि “Make my trip” “Red bus” “Zing bus” “Abhi bus” इत्यादि। इन सभी एप्लीकेशंस में से किसी भी एप्लीकेशन के माध्यम से आप अपना मनचाहा सीट बुक कर सकते हैं।
सीट बुक होने के बाद आपको निर्धारित समय पर निर्धारित जगह जाना होगा मतलब कि आपके पास वाले बस स्टॉप पर अगर आपके घर से नजदीक कश्मीरी गेट है तो आप वहां चले जाएं नहीं तो “मजनू का टीला” चले जाए दोनों जगहों से आपको बस मिल जाएगी। कोशिश करें बस की टिकट रात को करने की क्योंकि दिल्ली से कसोल की दूरी करीब 500km की है जो कि तकरीबन 12 से 13 घंटे का सफर है इसलिए कोशिश करें बस टिकट की बुकिंग रात को करने की जिससे आपका समय बचेगा और अगले ही सुबह आप कसोल पहुंच जाएंगे।
बस में बैठने के बाद अगले दिन सुबह कसोल में बस आपको “संध्या होटल” के सामने या कसोल की “प्राइवेट बस पार्किंग” के सामने उतार देगी दोनों जगहें एक दूसरे के काफी नजदीकी है। बस से उतरने के ठीक कुछ ही दूरी पर आपको बहुत सारे “Hotels” “Hostels” और “Guest houses” देखने को मिल जाएगा। भूलकर भी “Hotels” में ना जाए अगर आप अकेले सफर कर रहे हैं तो आपके लिए यह फायदेमंद नहीं होगा क्योंकि कसोल में “Hotels” का किराया काफी अधिक होता है।
अगर आप अकेले हैं तो “Hostels” और “Guest houses” आपके लिए एक अच्छा विकल्प रहेगा। अगर आप अपने कुछ फ्रेंड्स के साथ या अपनी फैमिली के साथ कसोल आए हैं तो तब यह “Hotels” आपके लिए काफी अच्छा विकल्प होगा क्योंकि “Hotels” की सेवा काफी अच्छी होती है।”Hostels” आपको 300 रुपए से लेकर 500 रुपए के बीच आसानी से मिल जाएंगे “Nomads Hostel” काफी अच्छा हॉस्टल है आप चाहे तो यहां रुक सकते हैं। एक-दो घंटे आराम और फ्रेश होने के बाद कसोल की यात्रा के लिए आप हॉस्टल से निकल सकते हैं।
पहला दिन (DAY-1)
पहला दिन का सफर कुल 5 किलोमीटर का होगा। जिसमें आप कसोल के कुल 5 खूबसूरत और प्रमुख पर्यटन स्थल को देखेंगे। यह 5 किलोमीटर की दूरी हम पैदल ही तय करने वाले हैं क्योंकि सभी के सभी 5 पर्यटन स्थल एक दूसरे के आसपास है।
1. नेचर पार्क (Nature park)
सबसे पहला और सबसे नजदीक घूमने वाली जगह “नेचर पार्क (Nature park)” है। यह कसोल के बस स्टैंड से महज 90 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह कसोल का सबसे अच्छा और सबसे फेमस पार्क है। यहां आपको पेड़ों के ऊपर तरह-तरह के कलाकृतियां और पेड़ों के ऊपर बने घर देखने को मिलेगा जोकि काफी अद्भुत देखने पर प्रतीत होता है। आप चाहे तो अपना कुछ समय “नेचर पार्क (Nature park)” में व्यतीत कर सकते हैं।
2. कसोल ब्रिज (Kasol Bridge)
इसके बाद दूसरा और सबसे अच्छा पर्यटन स्थल कसोल ब्रिज (Kasol Bridge) ।है यह “नेचर पार्क (Nature park)” से करीब 270 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस ब्रिज के चर्चे पूरे कसोल में फेमस है। यहां आए हुए सैलानी भी कसोल ब्रिज को देख कर अपना मन नहीं रोक पाते है फोन और कैमरों से तरह-तरह की तस्वीरें ब्रिज के ऊपर चढ़कर खिंचवाते हैं। कसोल ब्रिज (Kasol Bridge) के नीचे से बहती हुई पार्वती नदी इस ब्रिज की खूबसूरती को और भी बढ़ा देती है।
3. पार्वती घाटी (Parvati valley)
तीसरा और सबसे नजदीक देखने और घूमने लायक जगह पार्वती घाटी (Parvati valley) हैं। यह नेचर पार्क से करीब 700 मीटर की दूरी के बाद जंगलों से घिरा हुआ जहां रास्ते नहीं बने हुए हैं। करीब 15 मिनट पैदल चलने के बाद आपको पार्वती घाटी (Parvati valley) देखने को मिल जाएगा। यह ट्रैकिंग करने वाले लोगों के लिए बेहद पसंदीदा जगह है। प्राकृतिक के बीच बनी हुई घाटी अवश्य आपका मन मोह लेगी पार्वती घाटी देखकर आपको यह अनुभव जरूर हो जाएगा आपने कसोल आकर कोई भूल नहीं की है।
4. चलल ट्रेक ट्रेल (Chalal Trek Trail)
इसके बाद चौथा और सबसे ज्यादा आनंद देने वाली जगह चलल ट्रेक ट्रेल (Chalal Trek Trail) है। यह नेचर पार्क से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित है और पार्वती घाटी के बिल्कुल ठीक सामने है। इसके आसपास मौजूद घने पेड़ चट्टानों पर बनी मकाने वहां पर रहने वाले लोग यह सभी आपके दिलों में बस जाएंगे।
5. फ़्रीडम कैफ़े, चलाल (Freedom Cafe, Chalaal)
अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन है खूबसूरत वादियों के बीच आपको पैदल चलना अच्छा लगता है तो आपको पांचवा और सबसे सुंदर जगह फ़्रीडम कैफ़े, चलाल (Freedom Cafe, Chalaal) जरूर जाना चाहिए। जहां आपको ऊंचे-ऊंचे पहाड़ घने पेड़ों के ऊपर बैठी भिन्न-भिन्न प्रकार की चिड़िया मधुर सी उनकी आवाज जिसे सुनकर आपके पूरे शरीर में एक नई सी ऊर्जा उत्पन्न हो जाए। जी हां यह जगह नेचर पार्क से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर ऊंचे पहाड़ों के बीच स्थित है। जहां आपको सुंदर दृश्य के अलावा खाने के लिए बहुत ही स्वादिष्ट पकवान दिए जाएंगे और यह आपके लिए बहुत ही किफायती होगा।
अगर आप यहां जाने की सोच रहे हैं तो मैं आपको यह बताना चाहूंगा यहां जाने के लिए आपके पास ट्रैकिंग से संबंधित आवश्यकता अनुसार उपकरण होनी चाहिए क्योंकि फ़्रीडम कैफ़े तक पहुंचने के लिए कोई भी अच्छी सड़क नहीं है। यह पूरा ट्रैक एडवेंचर से भरपूर है। इस सफर की शुरुआत चलल ट्रेक ट्रेल (Chalal Trek Trail) से होगी और पार्वती गंगा के बहाव के साथ-साथ आपको फ़्रीडम कैफ़े की ओर बढ़ते चले जाना है। यह पूरा सफर 1 से 2 घंटे का होगा।
कसोल घूमने के लिए सबसे सस्ता बजट यात्रा || Best Budget Trip to Kasol in Hindi
दूसरा दिन (DAY-2)
दूसरे दिन का सफर कुल 6 किलोमीटर का होगा। जिसमें आप कसोल (Kasol) से मानिकरण (Manikaran) की यात्रा पैदल तय करेंगे। पैदल चलने के दौरान आपको कुल 6 खूबसूरत और धार्मिक पर्यटन स्थल देखने को मिलेगा। यह 6 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने का मुख्य कारण है कसोल (Kasol) से मानिकरण (Manikaran) जाने वाले मार्ग के बीच “चोज ब्रिज (Choj bridge)” जो कि काफी चर्चित और खूबसूरत ब्रिज है। इसे अगर आपने पास से नहीं देखा तो कसोल की यात्रा आपकी अधूरी रह जाएगी।
दूसरे दिन के सफर की शुरुआत करने के लिए आपको जल्दी उठना होगा। तैयार होने के बाद आप अपने हॉस्टल से चेक-आउट करके और अपनी मंजिल चोज ब्रिज (Choj bridge) के लिए सुबह ही निकल जाए इससे आपके पास काफी समय होगा कसोल की खूबसूरती को देखने का।
1. चोज ब्रिज (Choj bridge)
कसोल का छठा सबसे अच्छा और अनोखा ब्रिज देखना है तो आपको चोज ब्रिज (Choj bridge) जाना होगा। यह नेचर पार्क से करीब 1.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आपके आगे का सफर भी इसी दिशा में होने वाला है। जिस वजह से चोज ब्रिज (Choj bridge) को देखना तो बनता है। चोज ब्रिज के पास ही में चोज गांव है जहां आप कैंपिंग भी कर सकते हैं वादियों से भरा यह गांव सुबह के वक्त और भी अच्छा लगने लगता है।
2. मणिकरण साहिब गुरुद्वारा (Gurudwara Sahib Manikaran)
यह चोज ब्रिज (Choj bridge) से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप चोज ब्रिज देखने जाते हैं तो वहां से 40 से 45 मिनट के पैदल यात्रा के बाद आप मणिकरण साहिब गुरुद्वारा (Gurudwara Sahib Manikaran) पहुंच जाएंगे। कसोल से मणिकरण की यात्रा पैदल आप नहीं करना चाहते हैं तो कसोल से मणिकरण की दूरी करीब 4 किलोमीटर की है और कसोल से आपको बहुत सारी बसें मणिकरण के लिए मिल जाएगी जिसका किराया 60 रुपए के आसपास होगा।
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा के पास आपको एक गर्म पानी का झरना (Hot Water Spring) भी देखने को मिलेगा जिसमें हर वक्त पानी उबलता रहता है और यह प्रकृति का एक अद्भुत रूप है। गुरुद्वारा में बनाई जाने वाली भोजन इसी पानी को इस्तेमाल करके बनाया जाता है। दुनिया भर से आए सारी श्रद्धालुओं का पेट मणिकरण साहिब गुरुद्वारा में आने के बाद भर जाता है और यहां लंगर 24 घंटा चलती रहती है।
3. मणिकरण हॉट वाटर पूल (Manikaran Hot Water Pool)
अगर आप ठंड के दिनों में कसोल की यात्रा का प्लान बना रहे है तो मणिकरण हॉट वाटर पूल (Manikaran Hot Water Pool) जाना ना भूलें। यह मणिकरण साहिब गुरुद्वारा से महज 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस हॉट वाटर पूल में डुबकी लगाने का आनंद आप कभी नहीं भूल पाएंगे।
4. रघुनाथ मंदिर (Raghunath Mandir)
यह मंदिर काफी प्राचीन है इससे कुल्लू के राजा ने बनवाया था। यहां हर रोज हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान श्रीराम जी की आराधना के लिए लगी रहती है। इस मंदिर के कक्ष में दो स्नान करने वाले गर्म कुंड है। एक रामकुंड जिसमें पुरुष स्नान कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर सीता कुंड जहां स्त्री स्नान कर सकती हैं। यह दोनों ही कुंड में 24 घंटे गरम पानी रहता है। यह मंदिर भी ठीक मणिकरण गुरुद्वारे के समीप है।
5. नैना भगवती मंदिर (Naina Bhagwati Mandir)
यह रघुनाथ मंदिर के ठीक समीप है मुश्किल से 3 से 4 मिनट की दूरी पर यह स्थित है। इस मंदिर की कुछ ऐतिहासिक कहानियां है। कहा जाता है माता पार्वती जी अपने कुछ सहेलियों के साथ नदी किनारे गई थी तभी उनके कानों से मणि नदी में गिर गई काफी ढूंढने के बाद भी मणि नहीं मिली। इस बात की खबर जब भगवान शिव जी को मिले तब वह क्रोधित होकर अपनी तीसरी आंख को खोल दिए। उनकी तीसरी आंख खुलते ही “नैना देवी” भगवान का जन्म हुआ तब से लेकर आज तक मणिकरण में नैना देवी की पूजा प्रतिदिन की जाती है।
6. भगवान शिव मंदिर (Lord Shiva Temple)
यह भगवान शिव जी का सबसे प्राचीन और भव्य मंदिर है। यह मणिकरण साहिब गुरुद्वारा के ठीक समीप है ।इसे देखने के लिए लोग हिंदुस्तान के अनेक राज्यों से आते हैं। रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान शिव जी की आराधना के लिए लगी रहती है।
कसोल घूमने के लिए सबसे सस्ता बजट यात्रा || Best Budget Trip to Kasol in Hindi
तीसरा दिन (DAY-3)
कसोल और मणिकरण के सभी पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल घूमने के बाद अब हम अपने तीसरे दिन के सफर के लिए निकलेंगे जोकि हमारा अगला स्थान तोश गांव (Tosh village) होगा। जोकि कसोल से 20 किलोमीटर दूरी पर और मणिकरण से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सफर एडवेंचर और यादगार होने वाला है। तीसरे दिन के सफर में हम ट्रैकिंग, पार्वती नदी के बहती हुई धारा का आनंद लेंगे। इसके अलावा हम वुड फायर कर कैंपिंग का भी आनंद लेंगे। मणिकरण से तोश गांव (Tosh village) जाने के लिए आपको मणिकरण से ही बस मिल जाएगी जिसका किराया मात्र 70 रुपए होगा।
1. तोश गांव (Tosh village)
तोश गांव (Tosh village) जिसे छोटा कश्मीर भी कहा जाता है। वह इसलिए क्योंकि इस गांव के स्वरूप बिल्कुल कश्मीर से मिलते जुलते हैं। आपको यहां पर जाकर ऐसा लगेगा जैसे मानो कश्मीर में पहुंच गए हो। ऊंचे-ऊंचे पहाड़, पहाड़ों के ऊपर बर्फ की चट्टाने आपको एक अनोखा अनुभव कराएगी। अगर आप हिमाचल आए तो तोश गांव (Tosh village) को बिल्कुल भी ना छोड़ें। यहां कम से कम 1 दिन का समय जरूर व्यतीत करें भीड़-भाड़ से अलग सुकून की जिंदगी आपको लगेगा जैसे इस जगह पे ही बस जाए। तोश गांव समुद्रतल से लगभग 7,900 मीटर ऊंचाई पर है।
2. बुद्ध बन (Buddha ban)
अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं और पहाड़ों के बीच चलना आपको अच्छा लगता है तो आपके लिए तोश गांव (Tosh village) से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुद्धबन (Buddhaban) जगह है जोकि अपने आप में ही अद्भुत जगह है। आपको यहां तक जाने में लगभग 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है। पैदल यात्रा के दौरान आप बहुत सारी खूबसूरत चीजों को देखेंगे। जैसे की लकड़ी से बना हुआ ब्रिज पहाड़ों के बीच से बहती हुई नदी। जिसे देखने और छूने का आनंद आप शायद ही अपनी पूरी जिंदगी में कभी भूल पाएंगे।
चौथा दिन (DAY-4)
1. खीरगंगा ट्रेक (Kheerganga Trek)
तीसरे दिन के सफर के बाद हम चौथे दिन तोश गांव (Tosh village) से खीरगंगा ट्रेक (Kheerganga Trek) के लिए निकलेंगे। मैं आपको बता दूं पूरे कसोल में यह ट्रेक काफी ज्यादा फेमस है। तोश गांव (Tosh village) से खीरगंगा की चोटी (Kheerganga Peak) कि जो दूरी है करीब 15 किलोमीटर की है। कोशिश करें आप इस ट्रेक को पूरा करने के लिए सबसे सुबह ही तोश गांव छोड़ दें और खीरगंगा ट्रेक (Kheerganga Trek) के लिए निकल जाए। रास्ते के दौरान आपको ना जाने कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
अगर आप पहली बार इतने लंबे ट्रेक के लिए निकल रहे हैं तो आप अपने पास जरूरत की चीजें जरूर रख ले। रास्ते में आपको किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिलेगी। जरूरत की चीजों में जैसे कि पानी की बोतलें, कुछ दवाइयां अपने पास जरूर रख ले। इस ट्रेक को पूरा करने के लिए 6 घंटे से ऊपर का समय आपको लग सकता है। रास्ते में आपको कुछ स्थानीय लोग मिल जाएंगे जिनके घरों में सेब के बगीचे लगे रहते हैं आप चाहे तो उनसे कुछ सेब खाने के लिए मांग सकते हैं।
जब आप यह ट्रैक पूरा कर लेंगे तो आपको खीरगंगा की चोटी पर बहुत सारे कैंप नजर आएंगे। वहां पर पहले से कुछ स्थानीय लोग मौजूद होते हैं जो कि आप से कुछ पैसे लेंगे और आपको गरमा गरम खाने और नहाने की व्यवस्था के साथ रात गुजारने के लिए टेंट कैंप भी देंगे। खीरगंगा की चोटी पे रात गुजारने का अनुभव इतना सुखदाई है कि आप यह नहीं चाहेंगे कि जल्दी सुबह हो तारो से चमकता हुआ आसमान, ठंडी ठंडी सी हवा, बिल्कुल शांत माहौल यह सभी चीजें आप खीरगंगा ट्रेक (Kheerganga Trek) में अनुभव करने वाले है।
यह ट्रेक इतना ज्यादा फेमस है कि पूरे हिंदुस्तान के हर एक कोने से लोग हर साल इस ट्रेक को पूरा करने के लिए आते हैं।
पांचवा दिन (DAY-5)
पांचवें दिन कि सुबह हम खीरगंगा से वापस कसोल के लिए निकलेंगे कसोल से करीब 20 किलोमीटर विपरीत दिशा में मलाणा गांव (Malana village) है। मलाणा गांव जाने के लिए आपको कोई डायरेक्ट बस नहीं मिलेगी। सबसे पहले आपको तोश गांव (Tosh village) जाना होगा उसके बाद वहां से कसोल। मलाणा गांव जाने के लिए कसोल से भी कोई डायरेक्ट बस की सुविधा नहीं मिलेगी। बस आपको जरी (Jari) तक पहुंचा देगी उसके बाद वहां से आप चाहे तो कोई प्राइवेट कैब करके सीधा मलाणा गांव (Malana village) की ओर निकल सकते हैं। कैब का किराया लगभग 500 से 700 रुपए के आसपास होगा।
1. मलाणा गांव (Malana village)
मलाणा गांव की खूबसूरती के बात करे तो यह काफी अच्छा पर्यटन स्थल है। मलाणा गांव में बसे वहां के स्थानीय लोग काफी ज्यादा विनर्म और मददगार है आप चाहे तो उनके साथ एक दिन गुजार सकते है। उनके के तौर तरीके, उनके कल्चर, खेती बारी में हाथ बटाना, यह सभी चीजें आप मलाणा गांव में कर सकते हैं। यह चीजें इंसान को एक दूसरे के साथ जोड़ती है और इसके साथ आपको एक नया अनुभव भी कर आएगी।
2. रसोल पास (Rasol Pass)
मलाणा गांव (Malana village) घूमने के बाद अगर आपके पास समय बचता है तो आप रसोल पास भी जा सकते हैं यह भी एक अच्छा विकल्प आपके लिए होगा।
यात्रा में किए गए कुल खर्च
बस का किराया (Bus fare) :- 800*2 = 1600 रुपए (आने जाने का कुल बस किराया) ।
प्रतिदिन खाने का खर्च (Per day food cost) :- 400*5 = 2000 रुपए (5 दिनों का कुल खाने का खर्च) ।
रहने का किराया (Stay rent) :- 350*5 = 1750 रुपए (5 दिनों का रहने का किराया) ।
सुविधा शुल्क (convenience fee) :- ऑटो, प्राइवेट टैक्सी इत्यादि 1000 रुपए (आपातकालीन स्थिति में खर्च किए गए पैसे) ।
अंतिम खर्च परिणाम :- 1600 रुपए + 2000 रुपए + 1750 रुपए + 1000 रुपए = 6350 रुपए से लेकर 7000 रुपए के बीच आप आसानी से कसोल की यात्रा कर सकते हैं।
कसोल की यात्रा पर जाने का सही समय
अक्टूबर से जून के बीच कसोल की यात्रा आपके लिए काफी सुखमय होगा। अक्टूबर से जून के बीच कसोल में बर्फ की बारिश होती है। हर जगह आपको बर्फ से ढके पहाड़, बर्फ से ढके घर और उस घर में चाय पीने का मजा शायद ही आप कभी भूल पाएंगे।
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