Shri Krishna Janmashtami 2023 महोत्सव की पूरी जानकारी संक्षेप में

322 Views

जन्माष्टमी, जो “Krishna Janmashtami” के नाम से पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है, यह सनातन हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण खुशियां उल्लास का त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी और उनके याद में मनाया जाता है।

यह त्योहार सनातन हिन्दू धर्म के पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आषाढ़ा नक्षत्र में मनाया जाता है, जिसे पूरे विश्व भर में जन्माष्टमी के रूप में जाना और मनाया जाता है। यहां तक की यह त्योहार भारत और दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है।

मथुरा में जन्माष्टमी कब है 2023 When is Janmashtami in Mathura 2023 -storiesebook

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिन की खुशी में भगवान की पूजा, कथा, भजन, रासलीला, और श्री कृष्ण की झांकियां जैसे विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

जन्माष्टमी कौन से तारीख को मनाई जाती हैं?

 जन्माष्टमी को सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार मनाया जाता है, जिसकी तिथि सालाना बदलती रहती है क्योंकि यह भगवान नारायण यानी श्रीकृष्ण के जन्म दिन की तिथि के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के आठवें दिन को ही मनाया जाता है, जो कृष्ण पक्ष की आषाढ़ा मास की आषाढ़ा नक्षत्र में होता है। इसका अर्थ यह है कि जन्माष्टमी का तारीख हर साल बदलता रहता है, लेकिन यह त्यौहार भारत और पूरे विश्व भर में अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता है।

इस साल जन्माष्टमी दो विभिन्न तारीखों को पड़ रही है।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 इन हिंदी Shri Krishna Janmashtami 2023 in Hindi -storiesebook

6 सितंबर 2023 को, वैसे लोग जन्माष्टमी मना सकते हैं या उनका हिस्सा बन सकते हैं जो व्रत रखने और खाने-पीने की विशेष प्रक्रिया का पालन करना चाहते है। व्रत और उपवास के दौरान आप भी पूजा कर सकते हैं और श्रीकृष्ण की लीलाओं के किस्से सुन सकते हैं।

7 सितंबर 2023 को, वैसे लोग श्रीकृष्ण के जन्मदिन को मनाएंगे, जो उस दिन भगवान के अवतार की महिमा और झांकियां निकालेंगे अपने मन में श्रीकृष्ण को याद करेंगे और उनकी पूजा और आराधना करेंगे। यह पूरे हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लोग एकत्र होकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक झांकियां लेकर जाते हैं, भजन करते हैं और प्रसाद वितरण करते हैं।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की पूरी जानकारी संक्षेप में || Shri Krishna Janmashtami 2023 in Hindi

यह सभी समुदाय और धार्मिक अवसर व्यक्तिगत आस्था और परंपराओं पर भी निर्भर करता हैं, और वे कृष्ण जन्माष्टमी को अपने अपने विभिन्न तरीकों से मनाते हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि जन्माष्टमी की तिथि विभिन्न जगहों और समुदाय में अलग-अलग हो सकता है, क्योंकि यह त्योहार विभिन्न जगहों और धार्मिक पंथों के अनुसार भी मनाया जाता है।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की कथा :

वृंदावन में जन्माष्टमी कब है 2023 When is Janmashtami in Vrindavan 2023 -storiesebook

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की कथा कहानियां सनातन हिन्दू धर्म के पुराणों में मिलती है, और इसका जो मुख्य और सबसे सुंदर घटना है वह है भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बारे में है। यह कथा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के पीछे की कहानियां को बताती है।

इसके अलावा उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में संसार के लिए, लोगों के लिए क्या-क्या किया यह सभी चीजें जन्माष्टमी के अवसर पर नाटकिए रूपांतर के माध्यम से लोगों को दिखाया और समझाया जाता है और भगवान के लीलाओं को प्रकट कर के भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी आस्था अपनी संस्कृति को दर्शाते है जन्म स्थल, काल, और परिस्थितियों का वर्णन भी कथा और नाटक रूपांतर के माध्यम से प्रकट करती है।

कंस ने देखा भयानक सपना:

कथा पुराणों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से पहले मथुरा नगर में राजा उग्रसेन और उनकी रानी देवकी जी रहा करते थे। उनके पुत्र कंस बहुत ही दुष्ट और क्रूर था। एक दिन कंस को एक भयानक और भय से घिरा हुआ सपना आया, जिसमें एक दिव्य स्वरूप जैसा दिखने वाला बालक अपने हाथों से उसके मृत्यु कर रहा है। अपने सपने के भय से कंस ने अपनी बहन देवकी और उसके पति वसुदेव को कंस ने अपने कारागार में कैद कर लिया और उनके दोनों पुत्रों का वध करने का मन बना लिया।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म:

श्रीकृष्ण जी का जन्म जिस रात को हुआ, उस रात देवकी और उनके पति वसुदेव दोनों ही कंस के कारागार मैं बंद थे लेकिन भगवान नारायण की लीला कुछ और है जन्म की रात जेल के बंद दरवाज़े अपने आप ही खुल गए, और वासुदेव ने श्रीकृष्ण को अपने गोद में लेकर गोकुल नामक स्थान की तरफ निकल पड़े, जहां उन्होंने श्री कृष्ण को यशोदा और नंद बाबा सौंप दिया। कृष्ण के जन्मदिन को ही हम कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते है।

भगवान श्रीकृष्ण जी की बाल लीलाएं:

जन्म के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने बहुत सारी लीलाएं की, जैसे कि उनकी बाल लीलाएं, गोपियों के साथ मस्ती मजाक और उनके माखन चुराना, गोपियों के साथ रास लीला, अपनी छोटी सी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाना और अपने प्यारे मित्र सुदामा के साथ खेल इत्यादि, यह सभी लीलाएं भगवान श्री कृष्ण के बचपन की आद्भुत घटनाओं का वर्णन करती हैं। उनका पालन-पोषण माता यशोदा और नंद बाबा ने किया।

कंस का हो गया अंत:

भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध अंत में कर ही दिया और अपनी माता देवकी और पिता वसुदेव को कंस के कैद से मुक्ति किया।

यह कथा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर कंस के अंत तक की सारी महत्वपूर्ण घटनाओं का संक्षिप्त वर्णन में करती है।

इन्हे भी पढ़े :-

चंद्रयान-3 के सफलता की कहानी || Success Story Of Chandrayaan-3 in Hindi

ISRO का अगला मिशन चंद्रमा के बाद अब सूर्य की ओर || Isro Next Mission After Chandrayaan 3 in Hindi

ISRO को मिला चंद्रमा पर ऑक्सीजन के साक्ष्य || ISRO Found Oxygen On the Moon ?

अगर श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की पूरी जानकारी संक्षेप में || Shri Krishna Janmashtami 2023 in Hindi लेख पसंद आया है, तो कृपया हमें Twitter और Facebook  पर फॉलो करे | अध्ययन करने के लिए धन्यवाद|

Leave a Comment